- फुसरो में मां दुर्गा एवं महाकाली प्राण प्रतिष्ठा सह श्री श्री सात दिवसीय शतचण्डी महायज्ञ को लेकर निकली कलश यात्रा, 5000 श्रद्धालु हुए शामिल।
- शतचंडी पाठ महायज्ञ से जीवन के सभी कष्टों व दुखों से मुक्त हो जाता है जीव–मारूति बाबा।
बेरमो संवाददाता:फुसरो नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत में ढोरी स्टाफ क्वार्टर में मां दुर्गा एवं महाकाली प्राण प्रतिष्ठा सह श्री श्री सात दिवसीय शतचण्डी महायज्ञ को लेकर कलश यात्रा निकाली गई। इसमे लगभग 5000 श्रद्धालु हुए शामिल। कलश यात्रा ढोरी स्टाफ क्वार्टर स्थित मंदिर परिसर से गाजे बाजे के साथ निकल गई। जो फुसरो बाजार होकर हिंदुस्तान पुल स्थित दामोदर नदी पहुंची। जहां विधि विधान से पूजा अर्चना कर कलश में जल उठाकर श्रद्धालु पुनः मंदिर परिसर पहुंचे यहां कलश स्थापना किया गया। शोभा यात्रा में क्षेत्र के हजारो की संख्या में श्रद्धालुओं भाग लिया। युवतियां व महिला श्रद्धालुओं ने सर पर कलश लेकर जय मां भवानी की जयकारे लगाते हुए शोभायात्रा में चल रहे थे। इस दौरान देवी देवताओ की भव्य झांकी निकाली गई। यज्ञ सम्राट श्री जगदीश दास जी (मारुति बाबा) ने कहा कि मेरा 145 वा शतचण्डी महायज्ञ है। उनहोने कहा कि मां दुर्गा को शक्ति की देवी कहा जाता है। दुर्गा जी को प्रसन्न करने के लिए जिस यज्ञ विधि को पूर्ण किया जाता है उसे शतचण्डी महायज्ञ
बोला जाता है। सतचंडी यज्ञ को सनातन धर्म में बेहद शक्तिशाली वर्णित किया गया है। इस यज्ञ से बिगड़े हुए ग्रहों की स्थिति को सही किया जा सकता है। सौभाग्य इस विधि के बाद आपका साथ देने लगता है। इस यज्ञ के बाद मनुष्य खुद को एक आनंदित वातावरण में महसूस करता है। वेदों में इसकी महिमा के बारे में यहां तक बोला है कि सत चंडी यज्ञ के बाद आपके दुश्मन आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। सुश्री रामा किशोरी जी के द्वारा संध्या में प्रवचन दी जाएगी। मथुरा वृन्दावन से सुविख्यात स्वामी श्री रितेश्वर जी महाराज जी पहुंच रहे है। मुख्य जजमान कुमार जयमंगल सिंह उनकी धर्मपत्नी अनुपमा सिंह, माता रानी सिंह, बहन सीमा सिंह शामिल हुए।