- ए. जी. कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग, ए. जी. कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी और सैम्फोर्ड इंटरनेशनल अकादमी में मनाया गया “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस”
- वर्ष 1908 में महिला अंतरराष्ट्रीय दिवस की हुई घोषणा
जैनामोड़: जरीडीह प्रखंड अंतर्गत बांधडीह स्थित ए. जी. कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग, ए. जी. कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी और सैम्फोर्ड इंटरनेशनल अकादमी के तत्वावधान में महिलाओं के बीच केक काट कर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया | इस अवसर पर मुख्य अतिथि निदेशक ज़ाकि अर्फिन, नर्सिंग की प्राचार्या सोनल शुक्ला, सैम्फोर्ड इंटरनेशनल अकादमी की उप- प्रधानाचार्य नीलम तिवारी कार्यक्रम में शामिल थे | मुख्य अतिथि ने कहा कि जहां नारी की पूजा होती है , वहां भगवान का निवास होता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक मजदूर आंदोलन की 1908 की उपज है। इसका आरंभ वर्ष 1908 बताया जाता है । 15 हजार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों की मांग की थी। इसके अलावा उनकी मांग थी कि उन्हें बेहतर वेतन दिया जाए और मतदान करने का अधिकार भी दिया जाए। एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरीका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया। छात्रों ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए । इस अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर एक लघु नाटक प्रस्तुत किया। | ए. जी. कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की प्राचार्य सोनल शुक्ला ने कहा कि यदि पूर्ण रूप से सामाजिक विकास करना है तो लिंग भेद समाप्त करके लड़कियों व लड़कों में मतभेद को मिटाना होगा । लड़कियों को लड़कों की तरह सभी सुविधाएं प्रदान कर उनको हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। महिलाओं
महिलाओं में अपरिमित शक्ति और क्षमताएं विद्यमान हैं| उप-प्राचार्य नीलम तिवारी ने कहा महिलाओं के खिलाफ हिंसा मानवाधिकार का उल्लंघन है और इसके पीछे की वजह महिलाओं के साथ भेदभाव तथा महिलाओं का स्वयं के अधिकारों के प्रति जागरूक न होना है। इस अवसर पर बढ़ी संख्या में छात्र एवं कर्मचारी उपस्थित थे।