नावाडीह (झारखंड): नावाडीह प्रखंड के लोह नगरी भेण्डरा में मंगलवार से सात दिवसीय जल की रानी माँ जलेश्वरी मेला शुरू होगी जिसका उद्घाटन सुबे के उत्पाद एंव मध निषेध मंत्री बेबी देवी ,प्रमुख पुनम देवी ,जिप सदस्य महेन्द्र साव संयुक्त रूप से करेगे।
मेले मे भेण्डरा गांव के कुशल कारीगरों द्वारा बनाई गई हस्त निर्मित लोह सामग्री का भरपूर भंडार लगेगी जहां बोकारो, धनबाद, गिरिडीह सहित अन्य जिलें के खरीददार जुटकर सामग्रियों की खरीद बिक्री करते हुए जमुनिया नदी के शीतल जल में स्नान कर जलेश्वरी माँ की पूजा कर मेले का लुप्त उठाएंगे।
1932 में हुई थी मेले की शुरूवात माँ जलेश्वरी मेला की शुरूवात भेण्डरा के कमलनाथ गोस्वामी ने जवादराम बरई , हीरालाल सिंह, गोपाल तुरी, चरण राम बरई के सहयोग से वर्ष 1932 के मै शुरूवात की थी विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमा लगाकर तीन दिन मेला आयोजित किया जाता था परन्तु सन् 1978 ई. में स्थानीय समाजसेवी अर्जुन बरनवाल की अगुवाई में ग्रामीणों की एक बैठक कर भव्य रूप देते हुए गणेश चौरसिया के अध्यक्ष रूपी कमिटी ने सात दिवसीय किया गया जहाँ वासुदेव बरनवाल व राम प्रसाद बरनवाल ने करीब एक एकड़ जमीन मेले के नाम पर दान कर दिया तब सन 1980 ई. में जल की देवी माँ जलेश्वरी का मन्दिर निर्माण का आधारशिला रखी गई जो 1990 में बनकर तैयार हुआ ,इस वर्ष मुखिया नरेश कुमार विश्वकर्मा के नैतृत्व में मंदिर का भव्य रूप देकर निर्माण करवाया गया।
उपयोगी लोह सामग्री से मेला में होता है आकर्षक प्रदर्शनी।
मेले में भेण्डरा के कारीगरों दारा निर्मित लोह सामग्री तलवार, कुल्हाड़ी, कटार ,फरसा, हथौड़ा ,कढाई ,तावा, ताला, बक्सा, पिंजरा, भाला, चुल्हा, कुदाल, गेता, शवल, हसु, चायबगान की कैची, आदि हस्त निर्मित घरेलु उपयोगी, बढाई, अत्मारक्षा की ओजार सहित विभिन्न सामग्री का भरपूर खरीद बिक्री की जायेगी जिसमे बोकारो, धनबाद, गिरीडीह जिले के विभिन्न प्रखंडों सहित राज्य के विभिन्न स्थानों से हजारों लोगों हर दिन मेले का लाभ उठाने आते हैं मेले की तैयारी कारीगर एक महिना पुर्व से गांव मे लगी छोटी छोटी लघु कुटीर उद्योग मे दिन रात काम कर करते है।
ओर आकर्षक समान का निर्माण कर व्यापक रूप से तैयारी करते है।इस मेला को भेण्डरा की अर्थ व्यवस्था का रीढ भी माना जाता है।
मौत का कुवाॅ व बुग्गी बुग्गी आकषर्क का केन्द्र
सात दिवसीय जलेश्वरी मेला मै बच्चों व महिलाओं के साथ साथ सभी वगो के मनोरंजन का साधन उपलब्ध हेतु मीना बाजार , बुग्गी बुग्गी, झुला, मिठाइयाँ ,खिलोना के अलावे मौत का कुवाॅ व बुग्गी बुग्गी बार बालाओं का नृत्य अकर्षक का केंद्र बिन्दु होती है जहां हर दिन हजारों लोग जमुनिया नदी मै स्नान कर माँ जलेश्वरी की पूजा अर्चना कर मेले का अनन्द उठाते हुए जरूरत के अनुसार लोह समानों की जमकर खरीदारी करते है। यहां ईख ,खाजा की बिक्री भी भरपुर होती है।
मेला के सफल संचालन में मुखिया नरेश कुमार विश्वकर्मा ,पंसस गोपाल यादव ,उपमुखिया रूबी देवी ,संयोजक राजेन्द्र विश्वकर्मा , सचिव गोपाल विश्वकर्मा ,कोषाध्यक्ष गणेश नायक ,पुजारी रूपेश चौरसिया ,नीटू विश्वकर्मा , मुरलीधर सिंह , चक्रधारी सिंह ,सुकुमार विश्वकर्मा ,ललित दास , प्रशांत चौरसिया जितेंद्र यादव , ललित दास , नारायण विश्वकर्मा आदि जुटे हुए हैं।