हजारीबाग : बीमार मां के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए जब हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रंगीला बिरहोर नाच उठा, तो वहां मौजूद मरीज कह उठे कि बेटा हो तो ऐसा…और उसकी नाच देख मां गीता बिरहोर सचमुच मुस्कुराते हुए भावविभोर हो उठी. दूसरे मरीज भी वहां जमा होकर अपना दुख-दर्द भूल सुधबुध खोकर उसका अनोखा डांस देखने लगे. दरअसल हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों विलुप्त होती जनजाति बिरहोर परिवार का एक सदस्य काफी सुर्खियों में है. रंगीला बिरहोर अपनी मां गीता बिरहोर का इलाज करवाने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचा है. पिछले 15 दिनों से उसकी मां का इलाज यहां चल रहा है और वह स्वस्थ भी हो रही है. मां का मन अस्पताल में लगे, इसके लिए रंगीला बिरहोर डांस करता है. उससे उसकी मां के साथ दूसरे मरीजों का भी मन लग रहा है. दूसरे मरीज बिरहोर बच्चे का डांस देखकर अपना दुख भूल जाते हैं. अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजन चिंता देवी कहती हैं कि भले ही वे लोग बीमारी के कारण कष्ट झेल रहे हैं, लेकिन 10 साल का रंगीला डांस कर सब दुख दूर कर देता है. दिनभर में वह पांच-छह बार डांस करता है. कभी उनके मोबाइल के गाने, तो कभी दूसरे के मोबाइल में गाना बजाकर नाचता है. अगर उसे मंच मिले, तो वह खुलकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पाएगा.
डांस देख नर्स भी हो जाती हैं रोमांचित
रंगीला का डांस देखकर अस्पताल में काम करने वाली नर्स भी रोमांचित हो उठती हैं. उनका भी कहना है कि वे लोग पहली बार ऐसा देख रही हैं कि कोई बच्चा वार्ड में डांस कर रहा है. उसके डांस करने से यहां के मरीजों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वह अपना दुख कुछ देर के लिए भूल जाते हैं. यह उन लोगों को भी काफी अच्छा लगता है. वे लोग भी चाहती हैं कि यह बच्चा आगे जाकर कुछ करे. नर्स बताती हैं कि बच्चे की इच्छा है कि उसका वीडियो यूट्यूब के माध्यम से लोगों तक पहुंचे. लेकिन उसके पास मोबाइल नहीं है. ऐसे में वह अपना वीडियो नहीं बना पाता है.
मां ने कहा : एक दिन बड़ा सितारा बने मेरा रंगीला
रंगीला की मां कहती है कि उनका बच्चा एक दिन बड़ा सितारा बने, मेरी यही इच्छा है. वह अस्पताल में उनका ख्याल रख रहा है, तो दूसरी ओर डांस कर उनका मन भी बहला रहा है. वह पहले अपने घर में भी डांस किया करता था. लेकिन वे लोग सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहते हैं. इस कारण लोग उसे जान नहीं पाते. आज वह अस्पताल में डांस कर रहा है, जिससे कई लोग उसे जान रहे हैं.
समाजसेवी अभिषेक के मोबाइल देते ही खिल उठा रंगीला का चेहरा
मोबाइल नहीं रहने पर वह काफी परेशान था और दूसरे के मोबाइल पर अपना वीडियो बनाता था. ऐसे में हजारीबाग के समाजसेवी अभिषेक ने उसे उपहार स्वरूप मोबाइल दिया. मोबाइल पाकर उसका चेहरा खिल उठा. अभिषेक बताते हैं कि हाल के दिनों में बच्चे के बारे में अस्पताल में काफी चर्चा हो रही थी. ऐसे में उन्हें पता चला कि उसे मोबाइल की आवश्यकता है, तो उन्होंने उसे उपहार स्वरूप मोबाइल दिया. अब वह इस मोबाइल से सोशल मीडिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाएगा.
अब रंगीला बन जाएगा हीरो
रंगीला बिरहोर कहता है कि उसे हीरो बनना है, लेकिन मेरे पास मोबाइल नहीं था. अब उसे मोबाइल मिल गया है. अब वह अपना वीडियो बना लेगा और इसे यूट्यूब में डालेगा. रंगीला बताता है कि अस्पताल में वह मां के लिए डांस कर रहा है, क्योंकि वह काफी तकलीफ में है. उसे नाचता देख उसका चेहरा खिल उठता है. दूसरी ओर अन्य मरीज भी काफी खुश हो जाते हैं. मरीजों का मन बदलने के लिए अलग-अलग गाने पर नाचते हैं. रंगीला बरकट्ठा के जन्मशती गांव का रहने वाला है. वह आठ भाई-बहन है. वर्षों पहले उसके पिता का साया सिर से उठ चुका है.