प्रधानमंत्री आवास वर्षों के बाद भी नहीं बन सका 

UMA SHANKAR THAKUR
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  • प्रधानमंत्री आवास वर्षों के बाद भी नहीं बन सका 
  • मनरेगा मजदूरी और अधिकारी कमीशन बना बाधक

जैनामोड़(बेरमो): जरीडीह प्रखंड अंतर्गत विभिन्न पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य समय पर पुरा नही हो पा रहा है । इस संबंध में ग्रामीण आवास योजना के लाभुकों ने बताया कि आवास‌ निर्माण के क्रम में मनरेगा मजदूरी मुख्य रूप से बाधक बन गया है  । मनरेगा मजदूरों का काम करने के बाद महीनों वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है ।इस दोषपूर्ण व्यवस्था के कारण क्षेत्र में हजारों मजदूर बेकार और बेरोजगार हो गए हैं । लोगों का कहना है कि सरकारी मजदूरी दर भी काफी कम है । जबकि अन्य स्थानों पर काम करने वाले की मजदूरी 400 रुपए 8 घंटे का प्रतिदिन मिल जाता है । मनरेगा की मजदूरी बहुत ही कम होने के साथ साथ मजदूरी का भुगतान भी देर से किया जाना मुख्य बाधक है । वहीं क्षेत्र में आवास के नाम पर भारी कमीशन की मांग लाभुकों का कमर तोड़ देता है । पंचायत प्रतिनिधियों , मनरेगा कर्मचारियों एवं ठीकेदारों की लापरवाही भी मुख्य बाधक बन गया है । इस दोषपूर्ण व्यवस्था के कारण क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना आधी-अधूरी के रूप में सफेद हांथी की तरह दिखाई पड़ रही है । खानापूर्ति के नाम पर क्षेत्रीय स्तर पर जांच की प्रक्रिया पूरी कर कर्मचारियों को मौखिक चेतावनी दे कर छोड़ दी जाती है । ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई के लिए उच्च स्तरीय जांच कराने की आवश्यकता है । इस तरह की कानूनी कार्रवाई से सैंकड़ों लाभुकों को सीधे रुप से लाभ मिल सकता है ।

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