इमाम सफी का फाइल फोटो
रांची: इमाम सफी समाजसेवी ने नजर आप तक न्यूज़ को दूरभाष के माध्यम से बताया कि मुघख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल की उपलब्धि पर आज 29 दिसम्बर को लगभग 30 मिनट भाषण दिए जिसमें 15 मिनट कोरोना पर 10 मिनट विश्व में बच्चे पढ़ रहे हैं, ऐसी तैयारी की है की राज्य में सुख समृद्धि आयेगी, अब बीपीएल के बच्चे BDO,CO बन रहे हैं पर भाषण दिए और 05 मिनट पहले झारखण्ड में हर रोज आन्दोलन होता था अब शांति है। राज्य न जाने क्यों पिछड़ा कहा जाता है हमें समझ में नहीं आता जिसे दुसरे लोग सोने की चिड़िया कहते हैं और लगातार लूट रहे हैं जैसी बकवास की।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीन साल में कुछ किया ही नहीं इसलिए कुछ बोल ही नहीं पाए।
29 दिसंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपनी पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।
29 दिसंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। क्योंकि उन्होंन खुद कदमा उलियान जमशेदपुर में शहीद निर्मल महतो के 32 वी शहादत दिवस पर कहा था, सता मे आते हैं तो एक वर्ष में पांच लाख युवाओ को नौकरी देंगे और अगर नौकरी नही दे सकेंगे तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
इस आधार पर उन्हे संन्यास ले लेना चाहिए क्योंकि 29 दिसंबर को हेमंत सरकार के तीन वर्ष पुरा हो रहा है और महज 300 लोगो को भी नौकरी नहीं दे सकी। नौकरी तो छोड़िए पुर्व के नियोजन नीति को रद्द करके लाखो युवाओ को बेरोजगार कर दिया । तीन साल सरकार सिर्फ कोरोना,कोष की कमी और केंद्र सरकार को कोसते हुए बिता दिया। अभी हाल में आन्दोलनरत युवाओ को बाहरी मनुवादी कहके लाठीचार्ज,नोटिस,केस मुकदमा करके प्रताड़ित कर रहीं है। शांतिपूर्ण आन्दोलन को रोकने की हरसंभव कोशिश करती है इस तरह युवाओ के मौलिक अधिकार का भी हनन खुलेआम कर रही है।
सरकार इन तीन वर्ष में एक ठोस नियोजन नीति न ही स्थानीय नीति ही बना सकी है । एक नियोजन नीति बनाई मैट्रिक-इंटर जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया फिर नौजवान को नौकरी कब देगी ।
सरकार पर को नियुक्ति वर्ष घोषित किया वह भी असफल रहा। सरकार भ्रष्टाचार में असफल रही जे पी एस सी, जे एस एस सी में भ्रष्टाचार व्याप्त है। हेमंत सोरेन खुद भ्रष्टाचार मे घीरी है ईडी से भागते फिर रहे हैं।
खतियान आधारित स्थानीय नीति व आरक्षण विधेयक को सरना कोड की तरह केन्द्र के पाले में डालकर झारखण्डी को बेवकुफ बनाने का कार्य किया है।
कुछ दिन पहले नियोजन नीति रद्द होने के बाद बेरोजगार छात्रों का विधानसभा घेराव आन्दोलन से डरकर सदन में फिर से बेवकुफ बनाने की कोशिश किया और झूठा आश्वासन दिया की सुप्रीम कोर्ट नही जाएगे और छात्रो के मांग के अनुसार कार्य करेगे। पानी, बिजली, आवास,शिक्षा स्वास्थ्य सभी मुद्दो पर असफल मुख्यमंत्री को कुर्सी में रहने का कोई हक नहीं ।
नया वर्ष में फिर से आन्दोलन करना होगा वर्ना सरकार तीन वर्ष की तरह चौथा वर्ष भी बहाना और आश्वासन में गुजार देगी। फिर पांचवा वर्ष 2024 चुनाव की तैयारी में लग जायेगा।
अब नौकरी नहीं हेमंत सोरेन से सीधे इस्तीफा मांगा जाय।
मोदी सरकार हमसे कितना लिया और कितना दिया:-
*बीजेपी ने आपको क्या दिया-*
5 किलो चावल = 50 Rs महीना यानी
12×50= 600 रुपए सालाना
5 किलो गेहूं। = 35 Rs महीना यानी
12×35= 420 रुपए सालाना
सम्मान निधि 6000 रुपए सालाना
कुल = 600+420+6000=7020 रुपए सालाना
*बीजेपी ने आपसे क्या लिया*
सिलेंडर में बढ़ाए 500 महीना
यदि 1सिलेंडर हर महीना लगे
12x 500 = 6000 सालाना
तेल में बढ़ाए 100 रुपए प्रति लीटर
यदि महीने में 4 लीटर तेल लगे तो 400 रुपए महीना
12×400=4800 रुपए सालाना
पेट्रोल डीजल में बढ़ाए ओसत 40 रुपए लीटर
1 लीटर रोज लगे तो 40X25=1000 महीना
12×1000= 12000 सालाना
दाल में बढ़ाए ओसत 100 किलो
यदि महीने में 4 किलो दाल खाएं तो 400 रुपए महीना
12×400= 4800 सालाना
चावल में बढ़ाए ओसत 40 रुपए किलो
यदि महीने में 20 किलो चावल खाए तो 800 रुपए महीना
12×800=9600 सालाना
आटे में बढ़ाए ओसत 15 रुपए किलो
यदि महीने में 20 किलो आटा खाएं तो 300 महीना
12×300=3600 सालाना
कपड़ों में बढ़ाए ओसत 500 प्रति जोड़ी
साल में चार जोड़ी प्रति व्यक्ति कपड़े भी बनाए और परिवार में ओसत 4 व्यक्ति हों तो 4x4x500=8000
जूते चप्पल में बढ़ाए ओसत 400 प्रति जोड़ी
साल में चार जोड़ी प्रति व्यक्ति जूते या चप्पल भी बनाए और परिवार में इसे 4 व्यक्ति हों तो
4x4x400=6400
बच्चों की किताबों में बढ़ाए ओसत 2000 सालाना
परिवार के एक व्यक्ति की पेंशन रोकी 1200 रुपए महीना
12×12= 14400 सालाना
गौरा देवी कन्या धन कम किया 25000 रुपए सालाना
कुल हो गया
6000+4800+12000+4800+9600+3600+8000+6400+2000+14400+25000= *96600 रुपए सालाना*
*हिसाब हुआ*
96600 में से 7020 रुपया कम कर लो, 89580 रुपया आपसे वसूला।
*बाकी आप हिन्दू-मुसलमान और हिन्दुस्तान- पाकिस्तान करते रहे, वोट देना आपका फैसला है।*
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