रांची:झारखंड के रामगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक ममता देवी की विधायकी रद्द कर दी गई है. दरअसल, गोली कांड मामले में ममता देवी को हजारीबाग की कोर्ट ने दोषी पाया और उन्हें 5 साल की सजा सुनाई है. बता दें, कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के अनुसार, जिस भी जनप्रतिनिधि को 2 साल से ज्यादा समय की सजा सुनाई जाती है तो उसकी विधासभा, हजारीबाग कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद ममता देवी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. इस बावत झारखंड विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें कि 13 दिसंबर को हजारीबाग की कोर्ट ने रामगढ़ से कांग्रेस विधायत ममता देवी को गोला-गोली कांड में दोषी करार देते हुए उन्हें 5 साल की सजा सुनाई थी. बता दें कि मौजूदा समय में भी ममता देवी जेल में बंद हैं.बता दें कि ममता देवी IPL कंपनी के खिलाफ आंदोलन में गई थीं. आंदोलन के दौरान पुलिस पर हमला किया गया था और कुछ लोगं की मौत हुई थी. ममता देवी को इस मामले में हजारीबाग कोर्ट ने दोषी पाया और 5 साल की सजा सुनाई.
क्यों गई विधायकी? आइए जानते हैं संविधान क्या कहता है
दरअसल, जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 (4) और भारतीय संविधान की धारा 191 (1) (ड़) के मुताबिक दोषी साबित होने व 2 साल से अधिक की सजा मिलने पर सांसद, विधायकी चली जाी है. सुप्रीम कोर्ट ने जनप्रतिनिधियों को संरक्षण देने वाले जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 (4) को 2014 में रद्द कर दिया था. इससे पहले लालू यादव, रशीद मसूद, अनंत सिंह जैसे दिग्गज भी इस कानून का शिकार हो चुके हैं.अब उपचुनाव की प्रक्रिया होगी शुरू
रामगढ़ विधानसभा सीट ममता देवी के आयोग्य घोषित हो जाने के बाद यहां पर उप चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. झारखंड निर्वाचन पदाधिकारी की तरफ से इस बावत भारत निर्वाचन आयोग को मंगलवार को सूचना दी जाएगी कि कब रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराए जाएंगे.