जीएम, एजीएएम, डीजीएम पर एफआईआर 

Nirmal Mahto
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  • अधिसूचित वन क्षेत्र में पीसीसी सड़क बनवा रहा एनटीपीसी
  • वन विभाग की गश्ती टीम ने मिक्सर मशीन, सीमेंट जब्त किया

हजारीबाग: नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना क्षेत्र में नियम, कानून और शर्तों का उल्लंघन कर लगातार अवैध कार्य किए जाने का मामला सामने आ रहा है. सौ एकड़ एरिया में अवैध खनन की पुष्टि होने के बाद भी एनटीपीसी नियम विरुद्ध काम करने से बाज नहीं आ रहा. अवैध खनन राेकने की बजाय नियम-कानूनाें काे ताक पर रख कर परियोजना क्षेत्र के उपरैली डाडी में अधिसूचित वन क्षेत्र में अवैध रूप से पक्की (पीसीसी) सड़क बनवायी जा रही है.

वन विभाग की गश्ती टीम ने वन क्षेत्र सड़क बनाने का मामला पकड़ा और निर्माण स्थल से मिक्सर मशीन, सीमेंट सहित अन्य सामान जब्त कर एनटीपीसी के जीएम शिवम श्रीवास्तव, अपर महाप्रबंधक वीरेंद्र कुमार, डीजीएम अजित कुमार सहित संवेदक नरेश महतो, लालधारी सिंह और रंजीत महतो के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 के बिहार वन संशोधन अधिनियम 1989 की धारा 33 के तहत मामला दर्ज कराया है. वन विभाग ने दर्ज प्राथमिकी में बताया कि वन क्षेत्र में गश्त के दौरान विभाग की टीम ने पाया कि डांडी कला के उपरैली डाडी में जंगल-झाड़ी साफ कर वन सीमा के अंदर वन भूमि पर पक्की (पीसीसी ) सड़क बनायी जा रही है. अवैध सड़क बना रहे लोगों को गश्ती दल में शामिल सदस्याें ने पकड़ने का प्रयास किया लेकिन सभी लोग जंगल-झाड़ी का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे. मौके से एक मिक्सर मशीन सेट, दस बोरा सीमेंट, कुदाल, बेल्चाऔर  करनी सहित अन्य सामान जब्त किया गया है.

तालाब में ओबी डंप, जांच में पुष्टि, कार्रवाई नहीं

एनटीपीसी द्वारा अवैध कार्य करने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पूर्व एनटीपीसी की एमडीओ त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा राजा आहर और लबनिया तालाब में ओबी डंप किए जाने की शिकायत के बाद हुई जांच में जिला मत्स्य विभाग ने मामले की जांच विभागीय स्तर पर कराई. इसमें शिकायत की पुष्टि हुई. विभाग ने जांच रिपाेर्ट के साथ बड़कागांव के अंचलाधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था.

100 एकड़ में अवैध खनन पर वन विभाग ने नहीं लगाई राेक

वन विभाग ने उपरैली डाडी में जंगल-झाड़ी साफ कर वन सीमा के अंदर वन भूमि पर पक्की (पीसीसी) सड़क बनाने के मामले को ताे गंभीरता से लिया, लेकिन पंकरी बरवाडीह परियोजना कोल परियोजना में दुमुहानी नाले को नष्ट कर अवैध रूप से सौ एकड़ एरिया में अवैध खनन किए जाने के मामले पर चुप्पी साधे रखी. अवैध माइनिंग की पुष्टि पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी आरएन मिश्रा ने भी की लेकिन बचते- बचाते रिपोर्ट बनाकर केंद्र व राज्य सरकार को भेज दी.

बड़े इलाके में अवैध खनन पर क्याें माैन है वन विभाग

नियम-कानूनाें की अनदेखी कर दुमुहानी नाले को नष्ट कर अवैध रूप से सौ एकड़ एरिया में अवैध खनन हाेता रहा लेकिन वन विभाग ने आंखें बंद रखीं. ऐसा भी नहीं है कि इतने बड़े इलाके में अवैध खनन काेई एक-दाे महीने में हुआ हाे, बल्कि पिछले कई वर्षाें से ये खेल चलता रहा और वन विभाग के अफसर सबकुछ जानते हुए भी अनजान बने रहे. भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा एनटीपीसी को पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना के स्टेज टू के फॉरेस्ट क्लियरेंस में जो शर्तें लगाई गई थीं. उन शर्तों का अनुपालन और देखरेख की जिम्मेवारी राज्य सरकार-स्थानीय प्रशासन को दी गई थी.

अब केंद्र ने उच्चस्तरीय कमेटी गठित की

एनटीपीसी और उसकी एमडीओ त्रिवेणी-सैनिक माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा फॉरेस्ट-लीज शर्तों का उल्लंघन कर अवैध खनन करता रहा, लेकिन वन विभाग के अफसराें ने रोकने-टोकना उचित नहीं समझा. केंद्र सरकार ने एनटीपीसी द्वारा किए गए नुकसान के आकलन और आगे की कार्रवाई के लिए एक चार सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर दी है.

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