बेरमो: ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 44 मजदूरों की सोमवार को वतन वापसी हो गई. सभी मजदूर सोमवार 26 दिसंबर को ही ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरे. दोपहर को उनका विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा. मजदूरों ने दिल्ली पहुंचने पर सबसे पहले ईश्वर का नाम लेते हुए अपने वतन की मिट्टी को चूमा. मजदूरों ने स्वदेश वापसी होने पर केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ सभी प्रतिनिधियों, मीडिया और प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सिकन्दर अली का आभार प्रकट किया.
सोशल मीडिया पर मजदूरों ने बताई थी आपबीती
झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के 44 मजदूर ताजिकिस्तान में फंसे हुए थे. मजदूरों ने पिछले 19 दिसंबर को सोशल मीडिया के माध्यम से वहां फंसे होने की जानकारी दी थी. इसके बाद खबर जैसे ही मीडिया में आई तो जनप्रतिनिधियों सहित सरकार के मंत्री और विदेश मंत्रालय सक्रिय हुआ. जिसके बाद सभी मजदूर स्वदेश लौट सके.
प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया, जिसके कारण मजदूरों की जल्द वापसी हो सकी. मजदूरों को ना सिर्फ भारतीय दूतावास लाया गया था बल्कि बकाया मजदूरी का भी भुगतान कराया गया.
इन मजदूरों की हुई वतन वापसी
बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड अंतर्गत सिधाबारा के मुकेश महतो, महुआटांड के टीको महतो, बोकारो थर्मल के कमलेश अगरिया शामिल हैं.
गिरिडीह के बगोदर प्रखंड के अडवारा के संतोष महतो, सरिया प्रखंड अंतर्गत लुतयानो के तेजो महतो, चिचाकी के दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, डुमरी प्रखंड अंतर्गत दुधपनियां के नंदू कुमार महतो, खेचगढी के प्रदीप महतो, चेगडो सोहन महतो, गिरि महतो, डुमरी के बीरेन्द्र कुमार, घुजूडीह के नकुल महतो भी स्वदेश लौटे.
हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ अंतर्गत खरना तिलेश्वर महतो, प्रदीप गंजु, रामेश्वर महतो, महाबीर महतो, रीतलाल महतो, गोवेर्धन महतो, मितलाल महतो, भलुआ के जगदीश महतो, बासुदेव महतो, प्रेमचंद महतो, बरहमदेव महतो, गोविंदपुर बालेश्वर महतो, आशोक सिंह, जोबर के आयोध्या महतो, उमेश महतो, टेकलाल महतो, तालो महतो, बीरू सिंह, संतोष महतो, बंदखारो के मंगर महतो, नारायण महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, त्रिभुवन महतो, लालदेव महतो, बसंत मंडल तुलसी महतो, नेरकी के रोहित सिंह शामिल हैं.