नावाडीह : स्थानीय प्रखंड के चपरी पंचायत बगडेगवा में शुक्रवार को सोहराय महोत्सव का आयोजन किया गया। शुभारंभ नायके बाबा लखन मांझी ने इष्ट देवी-देवता, जाहेर आयो को विधिवत पुजा अर्चना कर किया गया। उन्होंने इष्ट देवी-देवताओं से अच्छी फसल, धन-दौलत की बरकत, सभी मनुष्यों की सुख शांति, समृद्धि की कामना की। इस दौरान आदिवासी समाज के महिला-पुरुषों ने परंपरागत नृत्य किया। समाज के प्रधान के रामेश्वर हेम्ब्रम की मानें तो यह पर्व आदिवासी समाज के लिए महान पर्व है। सोहराय पर्व से ही संताली सभ्यता व संस्कृति अब भी जीवित है। कहा कि मान्यता है कि मनुष्य के सुखमय जीवन में कृषि और जीव जंतु की पूजा की जाती है।
उन्होंने ने कहा कि वह आदिवासी समाज की महिलाओं के द्वारा प्राप्त स्नेह से अभिभूत हैं। मानव जाति में एकमात्र आदिवासी समाज ही है, जो प्रकृति की इतनी नजदीक रहते है। साथ ही हमें भी आदिवासी समाज से सीख लेनी चाहिए कि कैसे प्रकृति से संरक्षित किया जाता है। मौके पर मांझी हड़म राम सुन्दर,जोग मांझी शिबू सोरेन, भीमलाल मुर्मू, राजेश मुर्मू,भादो मांझी आदि उपस्थित थे।